मेरी माँ

एक मां-बेटा मेला देखने गए। थोड़ी देर तक तो दोनों साथ-साथ घूमते रहे। थोड़ी देर के बाद बच्चा माँ से छिटककर मदारी का खेल देखने लग गया। जैसे ही खेल खत्म हुआ उसे मां की याद आई। माँ को अपने साथ न पाकर वह बच्चा जोर-जोर से रोने लगा। मां-मां चिल्लाने लगा। उसको रोता देखकर मेला कमेटी वाले आ गए। और उसको चुप कराने का प्रयास कराने लगे। वह केवल मां-मां ही करता रहा। मेला अधिकारियों ने उससे उसकी मां का नाम पूछा, बच्चा नाम बताने में असमर्थ था। फिर उससे पूछा अच्छा तेरी मां कैसी है ? वह बोला मेरी माँ सबसे खूबसूरत है, बहुत सुंदर दिखती है। 

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मेला अधिकारी मेले में आई हुई एक से एक सुंदर महिला को उसके पास लाते रहे और पूछते रहे कि क्या यह तुम्हारी माँ है? बच्चे को जितनी भी सुंदर-सुंदर महिलाएं दिखलाई गईं थीं उन सबके लिए उसने मना कर दिया और रोता रहा । " अंत में मेला अधिकारी भी एक और थककर बैठ गए। शाम के छः बज गए मेला भी खत्म होने वाला था । इतने में एक काली कलूटी सी महिला जिसके चेहरे पर दाग थे उधर से निकली। और बच्चा उछलकर उस महिला से लिपट गया, बोला ये ही मेरी मां है। पास बैठे मेला अधिकारी हैरान थे कि इस महिला को ये सबसे सुंदर बता रहा है। वैसे सच्चाई तो यही है कि एक बच्चे की नजर में उसकी मां संसार की सबसे सुंदर मां होती है। और एक मां की नजर में उसका बेटा संसार का सबसे सुंदर बेटा होता है।

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